आज बहुत दिनों बाद कुछ लिख्ने का मान हुआ ब्लॉगर पे। जिन्दगी कॉलेज के बाद बदल सी गयी है। करीब ५ साल बीत गए इंजीनियरिंग किये हुए। किस मुक़ाम पे कड़े है ख़ुद को ही पता नहीं। .....
वक़्त की रफ़्तार रुक नहीं रही और मैँ उसकी रफ़्तार पकड़ नहीं पा रहा ख़ैर जो मिला ऊपर वाले से उसके लिए मै शुक्रग़ुज़ार हू उसका।
घुमाने का शोक ख़ैर अभी भी बाकी है और कोशिश रहेगी की रोज़ कुछ कुछ नया आप लोगो के सामने पेश करुँ साथ ही साथ अपने अनुभव शेयर करुँगा।
अभी हाल फ़िलहाल लेह लद्दाख हो के लौटा हु। अच्छा अनुभव रहा ,अच्छे विचरो वाले लोग मिले ,१० दिन का सफ़र रहा उत्तर प्रदेश से लेह तक का ;;;कुछ अच्छा कुछ कट्टा अनुभव रहा सफ़र के दौरान //
वक़्त की रफ़्तार रुक नहीं रही और मैँ उसकी रफ़्तार पकड़ नहीं पा रहा ख़ैर जो मिला ऊपर वाले से उसके लिए मै शुक्रग़ुज़ार हू उसका।
घुमाने का शोक ख़ैर अभी भी बाकी है और कोशिश रहेगी की रोज़ कुछ कुछ नया आप लोगो के सामने पेश करुँ साथ ही साथ अपने अनुभव शेयर करुँगा।
अभी हाल फ़िलहाल लेह लद्दाख हो के लौटा हु। अच्छा अनुभव रहा ,अच्छे विचरो वाले लोग मिले ,१० दिन का सफ़र रहा उत्तर प्रदेश से लेह तक का ;;;कुछ अच्छा कुछ कट्टा अनुभव रहा सफ़र के दौरान //
Yahi kuch cheezein hai jo jindagi bhar yaad rahengi. Baaki paisa to hamesha hi kamana hai. Bas life me nati jagah ghumne aur nayi baat seekhna kabhi mat chodna bade bhai.
ReplyDeleteye sahi baat boli aap ne danish bhai ...
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